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GST स्लैब में हो सकता है बड़ा बदलाव, 5 प्रतिशत के टैक्‍स स्‍लैब को किया जा सकता है खत्‍म

नई दिल्ली। जीएसटी परिषद (GST Council) की अगले महीने होने वाली बैठक में पांच प्रतिशत के कर स्लैब को खत्म किया जा सकता है। इसके स्थान पर कुछ अधिक खपत वाले उत्पादों को तीन प्रतिशत और शेष को आठ प्रतिशत के स्लैब में डाला जा सकता है। राजस्व बढ़ाने को लेकर ज्यादातर राज्यों की एकराय है, जिससे उन्हें मुआवजे के लिए केंद्र पर निर्भर नहीं रहना पड़े। फिलहाल जीएसटी में 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के चार कर स्लैब हैं। जबकि सोने और स्वर्ण आभूषणों पर तीन प्रतिशत कर लगता है। इसके अतिरिक्त कुछ बिना ब्रांड (Unbranded) और बिना पैकिंग (Unpacked) वाले उत्पाद हैं जिन पर जीएसटी नहीं लगता है।

सूत्रों के मुताबिक राजस्व बढ़ाने के लिए परिषद कुछ गैर-खाद्य वस्तुओं को तीन प्रतिशत स्लैब में लाकर कर छूट प्राप्त वस्तुओं की सूची में कटौती करने का निर्णय ले सकती है। सूत्रों ने कहा कि पांच प्रतिशत स्लैब को बढ़ाकर सात या आठ अथवा नौ प्रतिशत करने की चर्चा चल रही है। इस पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद लेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री की अगुआई वाली जीएसटी परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री हैं। पांच प्रतिशत स्लैब में प्रत्येक एक प्रतिशत की वृद्धि (जिसमें मुख्य रूप से पैकेज्ड खाद्य पदार्थ हैं) से मोटे तौर पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा। अन्य विकल्पों पर भी विचार हो रहा है, लेकिन माना जा रहा है कि परिषद में अधिकांश वस्तुओं के लिए आठ प्रतिशत जीएसटी पर सहमति बनने की उम्मीद है। फिलहाल इन उत्पादों पर जीएसटी की दर पांच प्रतिशत है। जीएसटी के तहत आवश्यक वस्तुओं पर या तो सबसे कम कर लगाया जाता है या फिर उन्हें कर से पूरी छूट मिली है।

वहीं विलासिता वाली वस्तुओं पर सबसे अधिक कर लगता है। इन पर 28 प्रतिशत कर के साथ उपकर भी लगता है। इस उपकर संग्रह का इस्तेमाल राज्यों को जीएसटी को लागू करने से राजस्व में हुए नुकसान की भरपाई के लिए किया जाता है। जून में जीएसटी मुआवजा व्यवस्था समाप्त हो जाएगी।

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