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जनरल बिपिन रावत की बेटियों ने ग्रहण किया पद्मविभूषण अवार्ड

नई दिल्ली। राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने सोमवार को देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत, गीता प्रेस के पूर्व चेयरमैन राधेश्याम खेमका व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद समेत समेत 54 हस्तियों को पद्म पुरस्कार प्रदान किए। जनरल रावत व खेमका को मरणोपरांत देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक अवार्ड पद्मविभूषण प्रदान किया गया। गत दिसंबर में हेलीकाप्टर हादसे में सर्वोच्च बलिदान देने वाले जनरल रावत की बेटियों कीर्तिका व तारिणी ने पुरस्कार ग्रहण किया, जबकि दिवंगत खेमका का सम्मान उनके स्वजन ने स्वीकार किया।

इन हस्तियों को सम्‍मान

आजाद, टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन, पूर्व नियंत्रक व महालेखापरीक्षक (सीएजी) राजीव महर्षि एवं कोविड-19 वैक्सीन बनाने वाली सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया के संस्थापक साइरस पूनावाला उन आठ हस्तियों में शामिल हैं, जिन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में देश का तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मभूषण प्रदान किया गया। दिवंगत पंजाबी लोक गायिका गुरमीत बावा के लिए उनकी बेटी गलोरी बावा ने पद्मभूषण अवार्ड ग्रहण किया।

गृह मंत्री भी रहे मौजूद

समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू व गृह मंत्री अमित शाह आदि मौजूद रहे। इस साल सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न की घोषणा नहीं हुई थी। पिछली बार वर्ष 2019 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, समाज सुधारक नानाजी देशमुख व मशहूर गायक भूपेन हजारिका को भारत रत्न प्रदान किया गया था।

‘गुमनाम नायकों’ को सम्‍मान

सामाजिक कार्य, सार्वजनिक मामलों, विज्ञान व इंजीनियरिंग, व्यापार व उद्योग, चिकित्सा, साहित्य, शिक्षा, खेल व नागरिक सेवा आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट भूमिका निभाने वालों को पद्म पुरस्कार दिए जाते हैं। वर्ष 2014 में सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार ने ‘गुमनाम नायकों’ को पद्म पुरस्कार देने का सिलसिला शुरू किया है।

कुल 128 हस्तियों को पद्म पुरस्कार

इस साल कुल 128 हस्तियों को पद्म पुरस्कार दिए जा रहे हैं, जिनमें 34 महिलाएं हैं। इनमें चार को पद्मविभूषण, 17 को पद्मभूषण व 107 हस्तियों को पद्मश्री अवार्ड शामिल हैं। बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेब भट्टाचार्य को भी पद्मभूषण अवार्ड दिया गया था, लेकिन उन्होंने लेने से इन्कार कर दिया।

125 वर्षीय योग गुरु के सामने नतमस्‍तक हुए पीएम मोदी

सम्‍मान समारोह के दौरान एक ऐसा पल भी आया जब जब 125 वर्षीय योग गुरु स्वामी सिवानंद राष्ट्रपति से पद्मश्री सम्मान लेने नंगे पैर दरबार हाल में पहुंचे तो वहां मौजूद सभी लोगों ने अपने स्थान पर खड़े होकर उनका सम्मान किया और तालियां बजाई। सिवानंद ने जब प्रधानमंत्री को नमस्कार किया तो पीएम मोदी ने भी तुरंत हाथ जोड़ा और उनके सामने नतमस्तक हुए। सफेद धोती-कुर्ता पहने योग गुरु राष्‍ट्रपति के समक्ष भी नतमस्तक हुए तो कोविंद ने आगे बढ़कर उन्हें सहारा दिया।

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