मध्य प्रदेश

38वां पुण्य स्मरण, 5 जुलाई 2021 : स्वतंत्रता संग्राम के महान नायक हरिकृष्ण सिंह स्वदेश नाम से ही जिन्हें था विशेष प्रेम

 रघुवर दयाल गोहिया  

मध्यप्रदेश। सीहोर नगर में अनेक महान विभूतियों ने जन्म लेकर यहां की पावन धरा को कृतार्थ किया है। उन्ही में से एक हैं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, वरिष्ठ पत्रकार और विधायक रहे स्व. हरिकृष्ण सिंह जिन्हें लोग सम्मान के साथ दद्दा या मंत्रीजी के नाम से भी जानते हैं। उनका पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित था। स्वदेश नाम से ही उन्हें इतना प्रेम था कि उन्होंने अपने आराकस मोहल्ला स्थित निवास के ऊपर सीमेंट से स्वदेश भवन लिखवा रखा था। इसके अलावा उनके द्वारा प्रकाशित साप्ताहिक सीहोर टाइम्स के पूर्व स्वदेश नाम से ही उन्होंने घोषणा पत्र दिया था। वह अपने अंतिम समय तक स्वदेशी खादी का कुरता, पायजामा, बंडी, बनियान और गांधी टोपी पहनते रहे। जब वह चूड़ीदार पायजामा, कुरता और शेरवानी पहनने के बाद टोपी लगा लेते थे तो स्थानीय लोगों को उनमें पंडित जवाहरलाल नेहरूजी की छबि नजर आती थी।
वह वर्षों तक आर्य समाज के मंत्री रहे इस कारण उन्हें मंत्री जी भी कहा जाता था। सन1934 से 1940 तक सीहोर में आर्य समाज की गतिविधियां अपने चरम पर रहीं जिसमें दद्दा का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने जन सहयोग से आर्य कन्या शाला का संचालन भी किया जो एक बड़ी उपलब्धि थी। देश प्रेम का जज्बा उनमें कूट कूट कर भरा हुआ था। अपने विवाह की मंगल ध्वनियों के बीच सन 40 में राष्ट्र के लिए सत्याग्रह और फिर 5 माह का कारावास..! यह एक ऐसी परीक्षा थी जिसमें कर्तव्य और भावना का अंतर्द्वंद समाहित था। सन 41 में असामाजिक तत्वों के जान लेवा हमले को सहकर भी प्रजा मंडल के शीर्ष पदों पर रहते हुए कार्य करना और भोपाल राज्य की नवाब शाही से टकराना आपकी दृढ़ता और संकल्पित विचार धारा का स्पष्ट उदाहरण है। नवाब शाही के खिलाफ आंदोलन के दौरान सन 1949 में आप पहले ऐसे व्यक्ति थे जिसे जेल में बंदी बनाया गया था। हरिकृष्ण सिंहजी सन 1952 से 1967 मप्र विधानसभा के निर्वाचित सदस्य रहे और कांग्रेस विधायक दल के सचेतक के रूप में अविस्मरणीय कार्य किया। वे कई वर्षों तक कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष भी रहे। नवीन मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का चयन कराने में भी आपका उल्लेखनीय योगदान रहा। उन दिनों आपके नेतृत्व में ही जन प्रतिनिधियों ने राष्ट्र नायक प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू से भेंट की थी।

प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी के शासन काल में स्वतंत्रता की रजत जयंती पर आपका समारोह पूर्वक आत्मीय अभिनंदन किया गया था। इसके अलावा 20 जून 1981 को अमर ज्योति क्लब द्वारा आयोजित अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में भी आपका नागरिक अभिनंदन किया गया था।
अपनी सादगी के लिए भी सबसे अधिक पहचाने जाते थे। नेहरूजी, इंदिराजी, डॉक्टर शंकर दयाल शर्माजी, प्रकाश चंद्र सेठी, अर्जुन सिंह, अजीत जोगी आदि से उनके घनिष्ठ संबंध थे। इसके बाद भी घमंड ने उन्हें छुआ तक नहीं था। इतने उच्च पदों पर रहते हुए भी वे नगर में अपनी सायकल से अखबार और पत्रिकाओं का वितरण करते थे। नगर के बद्री महल स्थित एक कमरे में जब जिला कांग्रेस का कार्यालय हुआ करता था तब वे जिला अध्यक्ष थे। इसके बावजूद उस कमरे की साफ सफाई खुद ही किया करते थे। उनकी सादगी, आदर्श, सिद्धांत, देश और कांग्रेस के प्रति उनका समपर्ण एक मिसाल है। स्व. दद्दा को उनकी पुण्य तिथि पर सादर नमन…! विनम्र श्रद्धांजलि…

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