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मंत्रिपरिषद की बैठक में पीएम मोदी की नसीहत, अपने क्षेत्रों में नजर और संपर्क बनाए रखें मंत्री

नई दिल्ली। कोरोना के बढ़ते प्रकोप और राजनीतिक हमलों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मंत्रिपरिषद के सदस्यों से कोरोना प्रबंधन एवं भावी चुनौतियों पर चर्चा की। पीएम ने सभी से हर स्तर पर नजर बनाए रखने को कहा। कोरोना को ‘सदी में एक बार आने वाली त्रासदी’ बताते हुए प्रधानमंत्री ने भरोसा जताया कि केंद्र, राज्य और जनता के एकजुट प्रयास से देश यह जंग जीतेगा।

पिछले एक पखवाड़े में प्रधानमंत्री ने कोरोना से निपटने को लेकर मुख्यमंत्रियों, डाक्टरों, आक्सीजन उत्पादकों, दवा उत्पादकों और सेना से कई दौर की बैठकें की हैं। इसी दिशा में शुक्रवार को मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि पिछले पांच-छह महीनों में मंत्रिपरिषद की बैठक नहीं हुई थी।

जाहिर तौर पर जिस तरह विपक्ष की ओर से सरकार पर हमला तेज हुआ है, उसमें सरकार चाहती है कि मंत्रियों को सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की पूरी जानकारी भी रहे और वह जमीनी स्तर पर निगरानी भी रखें। बैठक में कोरोना प्रबंधन के साथ-साथ यह भी बताया गया कि अर्थव्यवस्था और रिफार्म की गाड़ी भी चलती रहेगी। सरकार लोगों की जान भी बचाने में जुटी है और देश की अर्थव्यवस्था भी।

बैठक में दो प्रजेंटेशन दिए गए। इनमें पिछले 14 महीनों में उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई। यह बताया गया कि केंद्र और राज्य मिलकर पूरी स्थिति से निपट रहे हैं। केंद्र हर स्तर पर राज्यों के साथ खड़ा है। गरीबों के लिए दो महीने तक फिर से मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें परेशानी न हो।

प्रधानमंत्री का ज्यादा जोर इस बात पर था कि मंत्री अपने-अपने क्षेत्रों और राज्यों में लोगों के संपर्क में रहें। यह देखें कि केंद्र की ओर से दी गई मदद जरूरतमंद लोगों पहुंच रही है या नहीं। यह वक्त एक टीम की तरह काम करने का है ताकि देश फिर से जंग जीत सके। इस दौरान मंत्रियों को इसकी भी याद दिलाई गई कि कोरोना प्रोटोकाल का पालन करें और दूसरों से भी करवाएं।

प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ बैठक की थी। इस बैठक में सेना प्रमुख ने पीएम मोदी को बताया था कि देश में कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए सेना जहां भी संभव है स्थानीय लोगों के लिए अपने अस्पतालों के दरवाजे खोल रही है। सेना प्रमुख ने प्रधानमंत्री को यह भी बताया कि सेना के चिकित्सा कर्मचारी विभिन्न राज्य सरकारों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं। यही नहीं सेना देश के विभिन्न हिस्सों में अस्थायी अस्पताल स्थापित कर रही है।

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