मध्य प्रदेश

किसानों को राहत देने में मंडियों की सुध भूली मप्र सरकार

मध्यप्रदेश। इस समय पूरे देश में किसान और केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों कानूनों की चर्चा है। केन्द्र और प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान की सरकार अपनी सरकार को किसान हितैषी सरकार बता रही है पर किसान आन्दोलित है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हम कृषि उपज मंडियों के संचालन को बेहतर बना रहे हैं, जिससे उनका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिल सके। प्रदेश में मण्डी शुल्क 1 रुपये 50 पैसे से घटाकर 50 पैसे कर दिया गया। इससे किसानों को निश्चित ही फायदा होगा। अब इस पर विपक्ष् और मंडी के जानकारों का कहना है कि मंडी शुल्क के कम होने के कारण मंडी की आय में कमी होगी, वैसे भी अब मंडियों में आवक कम हो रही है; ऐसे में मंडी शुल्क डेढ रूपए से 50 किया गया है। निश्चित है कि मंडियों की आमदनी घटेगी, तो वह किसानों को पर्याप्त सुविधाएं और कर्मचारयिों के वेतन के लिए भी मुश्किल होगी; ऐसे में मंडियों की तरपफ जो विकास कार्य किसानों के हितों कराए जाते हैं उन पर तो ब्रेक ही लग जाएगा, इससे मंडियों के डूबने का भी खतरा है।

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