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UP POLITICS : मायावती की सियासत से कितना नफा नुकसान

उत्तरप्रदेश। इस समय राज्य सभा जाने के लिए बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती की सियासत किस ओर जा रही है। मायावती अपनी पार्टी से एक व्यक्ित को राज्यसभा भेजना चाहती है। परन्तु उनके पास पूरा बहुमत नहीं है, ऐसे में लाजिमी है कि उन्हें किसी न किसी पार्टी से समर्थन तो लेना ही है। बिना समर्थन के उनका कोई भी उम्मीदवार नहीं जीत सकता है। ऐसे मंे यदि मायावती भाजपा के सहयोग से उनकी पार्टी के उम्मीदवार को चुनाव जिताकर राज्य सभा भेज सकती है, लेकिन यदि ऐसा होता है तो कई सवाल जो उठ खड़े होगे, एेसे में बहुजन समाज पार्टी को कितना नफा नुकसान हो सकता है, इसे जानने के लिए जरूरी है कि बहुजन समाज पार्टी को जाने, बहुजन समाज पार्टी बहुजनों के उत्थान के लिए कृत संकल्िपत है। और भाजपा का साथ बहुजन समाज पार्टी के जाने के कारण से बहुजन समाज पार्टी के कोर वोटर नाराज हो सकते हैं। हालांकि मायावती ने भाजपा के साथ जाने वाले बयान पर यू टर्न ले लिया है। लेकिन वह भाजपा के साथ हैं या नहीं यह तो 11 नवम्बर को साफ हो जाएगा, यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि राज्य में बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार किस पार्टी के सहयोग से राज्य सभा पहुंचते हैं। या फिर नहीं पहुंचते हैं।
उल्लेखनीय है कि बहुजन समाज पार्टी नेता मायावती पर भाजपा का सहयोग समय समय पर करने के आरोप लगते रहे हैं, इस कारण से बहुजन समाज पार्टी से कई नेता किनारा भी कर गए है, आैर चाहे विधान सभा का चुनाव हो या फिर लोक सभा को बहुजन समाज पार्टी के मतों का प्रतिशत घट रहा है।
बहुजन समाज के पास है विकल्प
मायावती के हालिया बयान के बाद बहुजन समाज के बीच फिर से चर्चा का विषय बन गया है कि आखिर कार बहुजन समाज का नेतृत्व करने वाली पार्टी बहुजन समाज पार्टी है या फिर आजाद समाज पार्टी , उल्लेखनीय है कि बीते कुछ समय से बहुजन समाज की लड़ाई लड़ने के लिए चंद्रशेखर रावण आवाज बुलंद की है, ऐसे में बहुजन समाज च्ांद्रशेखर के साथ खड़ा हो सकता है, इससे बहुजन समाज पार्टी की और मुश्िकलें बढ़ सकती है।

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