5 जून को होगी महत्वपूर्ण खगोलीय घटना, क्या होगा असर

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]सारिका घारू[/mkd_highlight]
5 जून पर्यावरण दिवस की मध्यरात्रि को पृथ्वी की परिक्रमा करता हुये चंद्रमा का लगभग आधा भाग पृथ्वी की उपछाया में से होकर निकलेगा जिससे चंद्रमा की चमचमाती चांदनी लगभग 3 घंटे के लिये कुछ मंद हो जायेगी। खगोलीय घटना को पेनुम्ब्रल लुनर इकलिप्स या उपछाया चंद्रग्रहण कहते हैं।
इस घटना के समय सूरज और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जायेगी। इससे पृथ्वी की छाया और उपछाया दोनो बनेंगी। चंद्रमा का लगभग आधा भाग आज इस उपछाया की सीध में आ जायेगा। इस समय चंद्रमा की चमक फीकी पड़ जायेगी।
चंद्रग्रहण तीन प्रकार के हो सकते हैं। जब चंद्रमा का पूरा भाग पृथ्वी की घनी छाया वाले भाग में आता है तो पूर्णचंद्रग्रहण ( total lunar eclipse) होता है। जब चंद्रमा का कुछ भाग घनी छाया में तथा बाकी भाग उपछाया में आता है तो आंशिक चंद्रग्रहण ( partial lunar eclise )होता है। जब चंद्रमा का पूरा भाग उपछाया में ही आता है तो पेनुम्ब्रल लुनार इकलिप्स या उपछाया चंद्रग्रहण ( penumbral lunar eclipse ) कहते हैं। इन सभी चंद्रग्रहण को खाली आंखों से देखा जा सकता है इसे देखने के लिये व्यूअर या काई यंत्र आवश्यक नहीं होता है।
- ग्रहण की स्थिति
उपछाया चंद्रग्रहण का आंरंभ ( begins) 5 जून रात्रि 23ः 15
अधिकतम उपछाया ग्रहण (maximum ) 6 जून रात्रि 00ः54
उपछाया ग्रहण की समाप्ति (ends) 6 जून रात्रि 02ः34
ग्रहण की अवधि ( duration) 3 घंटे 18 मिनिट
( लेखिका नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक )