मध्य प्रदेश

मप्र में 50 जिले कोरोना की चपेट में, ग्रीन झोन के मुगालते भी हुए दूर

 

मध्यप्रदेश। प्रदेश के 50 जिले कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए है। इसमें ग्रीन जिले भी शमिल हो रहे है। कल तक ग्रीज जोन में होने का दम भरने वाले अधिकारियों और जनता के मुगलते दूर होते जा रहे है। इसके बाद भी पहले से सर्तक रहेने की बजाए सरकार, प्रशासन और जनता संक्रमण को लेकर लपरवाह बने हुए है।

प्रदेश के 50 जिलों में कुल 6859 मरीजों की संख्या है जबकि एक्टीव केस कुल 2988 है। अब तक कुल 300 मरीजों की मौत हो गई है। वही कुल 3571 मरीज कोरोना मुक्त हो कर घर लौट गए है। मई माह में प्रदेश के 15 से अधिक जिलों में कोरोना संक्रमण ने अपनी दस्तक दी है। जबकि पहले से प्रभावित जिलों में मरीजों की संख्या तेजी से बढी है। प्रदेश के इंदौर, भोपाल,उज्जैन, जबलपुर, बुरहानपुर, मंदसौर, ग्वालियर,मुरैना, भिंड, खंडवा सहित 19 जिलों में 10 से अधिक मरीजों की संख्या है। इनमें इंदौर, भोपाल,उज्जैन, जबलपुर, बुरहानपुर, मंदसौर, ग्वालियर,मुरैना में कोरोना संक्रमण सबसे तेजी से फैल रहा है। इंदौर में कुल मरीजों की संख्या 3064 है जबकि एक्टीव केस कुल 1472 है। 116 मरीजों की मौत हुई है। भोपाल में कुल मरीजों की 1272 है और एक्टीव केस कुल 420 है। 48 मरीजों की मौत हुई है। उज्जैन में कुल मरीजों की संख्या 575 है जबकि 54 मरीजों की मौत हो गई।

— बाजार बन गए संक्रमण का सबसे बढा कारण

लॉकडाउन के दौरान के बाजार को खोलना ही प्रदेश में कोरोना संक्रमण के फैलने का सबसे बढ कारण बनते जा रहे है। वहीं अनाज मंडी, सब्जी मंडी , सरकारी अनाज खरीदी केंद्रों में इस समय संक्रमण को खुली छूट है। कहीं भी कोई नियमों को पालन नहीं हो रहा है। सरकार ने अस्पताल में बिस्तार बढाने की तैयारी कर ली है। सरकारी तैयारी को देखकर जनता को समझा होगा कि उन्हें किस मुसीबत में झोका जा रहा है। अब जनता की जान सिर्फ एक अंकाडें से अधिक कुछ नहीं समझी जा रही है। जनता को ही समझना होगा कि उसकी जान अब वही बच सकती है। अपना घर, कालोनी, शहर,गांव को बचाने की जिम्मेदारी सिर्फ आप पर है।

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