मॉ की मौत हो गई,पिता बिमार है पेट पालने दो बच्चियां कर रही मजदूरी
— एक माह बाद भी नहीं मिली अनुग्रह राशि
[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]कमलेश पाण्डेय[/mkd_highlight]
मध्यप्रदेश। दो सगी बहनों के सर से मां का साया उठ गया,पिता को बिमारी ने बिस्तर पर ला दिया। परिवार के पेट की आग को शांत करने का जिम्मा अब इन दोनों सगी बहनों पर आ गया है। यह दोनों बच्चियां दूसरों के खेतों पर मजदरी कर जैसे तैसे परिवार पाल रही है। उपर से सरकारी सहायता भी नहीं मिल रही है। जिसका हकदार यह परिवार है।
मामला गौरिहार जनपद क्षेत्र के पड़रिया का है। मुन्नीलाल श्रीवास की यह दो बच्चियां सुबह से खेतों पर पहुचकर पूरे दिन फसलो की कटाई कर रही हैं। शाम के बाद बीमार पिता की सेवा का जिम्मा भी इन्ही के कंधों में है। पूनम 16 वर्ष, मन्तो 10 वर्ष ने बताया कि उनकी माँ कल्लन श्रीवास का बीते माह अचानक निधन हो गया था जिससे उनके ऊपर ही परिवार संचालन की जिम्मेदारी आन पड़ी है यही वजह की उन्हें घर से बाहर निकलकर मेहनत मजदूरी करनी पड़ रही है। एक बड़ा भाई भी लेकिन वह घर के जिम्मदारी में हाथ नही बाटता है हम दो बहनों के बाद एक छोटा भाई है उसके पालन की जिम्मेदारी भी अब उन्ही के कंधों पर है।
–एक माह बाद भी नही मिली अनुग्रह राशि
मुन्नीलाल के परिवार के साथ इस बुरे वक्त में प्रशासनिक अमला भी साथ नही दे रहा है। मुन्नीलाल ने बताया कि उसकी पत्नी के निधन के एक माह बाद भी उसे अनुग्रह राशि नही मिली जबकि संबल योजना में उसका नाम दर्ज है। मुन्नीलाल ने बताया की ग्राम पंचायत द्वारा उसकी पत्नी की उम्र 40 साल की जगह 60 साल कम्प्यूटर में दर्ज की गई है जिससे अब उसे अपात्र बता रहे है। पत्नी के आधार कार्ड सहित अन्य रिकार्ड में उसकी पत्नी की उम्र 40 साल ही दर्ज है।
–जनपद सीईओ बोले मामले को दिखवाता हूँ….
यह मामला मेरी जानकारी में नही था आपसे मामले की जानकारी मिली है मैं इस मामले को दिखवाता हूँ हितग्राही यदि पात्र है तो उसे अनुग्रह राशि मिलेगी। ( केपी द्विवेदी, जनपद सीईओ, गौरिहार )