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पत्रकार की नजर से 9 बजे 9 मिनट और नौ दिए…

 

[mkd_highlight background_color=”” color=”red”]ए.के माथूर  [/mkd_highlight]

 

 

8:57 हो रहे थे मैं घर की छत पर आ गया लोगों ने छतों पर दिए जला लिए थे कुछ घरों की छतों पर दिए जलाए जा रहे थे कुछ छतों पर थाली में सजे जले हुए दिए रखे जा रहे थे तभी पटाखों की चलने की आवाज और तालियां पीटने की आवाज आने लगी अजीब पागलपन था लोगों के ऊपर धर्म के नाम पर जब लोगों से कुछ करवाया जाता है तो वह अपने आप तार्किक से अतार्किक और फिर पागलपन में तब्दील होता जाता है यही पागलपन में देख रहा था धर्म सभा में लगने वाले जय जय श्रीराम के नारे भारत माता की जय के नारे वंदे मातरम के नारे लगाए जा रहे थे करुणा के डर के बीच अचानक यह कहां से आ गया पटाखों की आवाज तेज होने लगी अब आसमान में कुछ रॉकेट या कुछ आतिशबाजी जो आसमान में की जाती है। वह क्यों की जा रही थी समझ में नहीं आ रहा था कि जो लोग डरे हुए थे अभी कुछ घंटों पहले ही इतने उत्साहित क्यों है धर्म का जादू है लाइट बंद करवाना दिए जलवाना भले ही अतार्किक था यह लोगों को उत्साहित कर रहा था हरी रोशनी मेरे सर के ऊपर इसके साथ नारा लगा मोदी जी आप संघर्ष करो हम तुम्हारे साथ हैं हरा रंग और मोदी जी का क्या ताल्लुक। 2 मिनट के लिए बात दिमाग में आई लेकिन तभी अगला नारा हर हर मोदी घर घर मोदी सुनाई देने लगा कोरोना से लड़ने के लिए दीए जला रहे थे एक दूसरे का साथ देने के लिए दिए जला रहे थे साथ का एहसास दिलाने के लिए दिया जला रहे थे या सिर्फ यह धर्म प्रचार था राजनीतिक धर्म प्रचार। धर्म प्रचार तो शांति से किया जाता है जैसे सूफियों का, ऋषि यों का और तपस्वी का। राजनीतिक धर्म प्रचार में आवाज होती हैं यह आवाजें इसलिए नहीं होती कि हमें हमारा प्रचार करना है आवाज होती है कि हमें चुप करना है। शांति होती, दिए जलते लोगों को साथ होने का एहसास होता। पर शांति नहीं है दिए जल रहा है। थोड़ी सी हवा चल रही है इसलिए उनके बुझने का डर भी बना हुआ है। पटाखों की आवाज मोबाइल की रोशनी, सब एकदम बढ़ गया, अब शुरू हो गया है कंपटीशन। एक छत पर खड़े लोग दूसरी छत पर खड़े लोगों से ज्यादा तेज आवाज में लगा रहे हैं। यह प्रतिस्पर्धा है बड़ा समर्थक होने की। नारे सिर्फ तीन ही बचे हैं जय श्री राम भारत माता की जय और मोदी।

प्रतिस्पर्धा जारी है 9:04 हो चुके हैं अब 5 मिनट और कुछ देर के लिए शांत हुई और एक फिर एक छत से आवाज आई मोदी जी संघर्ष करो। दूर देख रहा हूं मुस्लिम आबादी के कुछ घरों पर मोबाइल और कैंडल टिमटिमा रहे हैं लेकिन वह कुछ ही घर है, पर हैं। आसमान को लोग टार्च से दिखा रहे हैं। नया नारा आ गए है।

वंदे मातरम कुछ महिला हंस रही है क्षेत्रीय भगवानों का जिक्र होने लगा भैरू बाबा और मठ वाले बाबा भी लोगों को याद आने लगे पहली बार एक अजीब सा व्यवहार देखकर छत पर मस्ती कर रहा कुत्ता आवाज जिस और आती है उस और जाकर छत की मुंडेर पर पांव रखकर झांकता है। दिवाली पर पटाखों की आवाज तो आती है मगर नारे नहीं सुनाई देते।

एकदम से नारे पटाखे और रोशनी ही रोशनी कुछ अजीब सा माहौल बन गया। चलिए एक और नारा जो हिंदू हित की बात करेगा वही हुआ जिसका डर था वंदे मातरम भारत माता की जय हर मोदी घर घर मोदी जय श्रीराम के नारे लगाते हुए जिस से लड़ने के लिए किया जा रहा था वायरस को जिताने की तैयारी की जा रही थी।

छतों पर 10 -10 , 15 -15 के झुंड थे सड़कों पर झुंड थे समझ से परे होती है फिर एक हरी रोशनी वाला पटाखा आसमान में जगमगाता पटाखा। हरी रोशनी का पटाखा। आज मुझे समझ में नहीं आ रहा रंगों में हरी रोशनी हमारी कहा हमारी तो केसरिया अब एक और बात कही जा रही है जो हिंदू हित की बात करेगा वही देश का नाम करेगा देश का नाम करने के लिए हिंदू कितना जरूरी हो गया है 9 मिनट में भी देखा जा रहा है।

शुरुआत ही हुई थी धर्म तक पहुंच गई 9:08 हो गए 1 मिनट शेष बचा है थोड़ी थोड़ी शांति होने लगी है बच्चे सिटी और उनके पास जो जो खिलौने हैं जिन से आवाज आती है वह भी बजा रहे है बस समझ में आता है बड़े भी बच्चे बन गए हैं और अपने आप को देशभक्त साबित करने के लिए यह सब किया जा रहा है 9 मिनट में परमवीर चक्र का तमगा इन सभी लोगों को मिल जाएगा। ऐसा नहीं है कि मैं यहां बिना दिए के खड़ा हूं। मैं इसलिए दिया लेकर खड़ा हूं क्योंकि मैं सबके साथ हूं और मैं सबका साथ चाहता हूं कोरोना की इस लड़ाई में हम एक दूसरे का साथ देकर ही जीत सकते हैं यह साथ का अहसास बना रहे मैं इसलिए यहां खड़ा हूं बातों ही बातों में 9:10 हो गए हैं और आवाज़ धीमी होने लगी है। कुछ लोग छतों से उतर भी गए।

कुछ लोग अब दीयों के साथ सेल्फी ले रहे हैं कुछ लोग ग्रुप सेल्फी ले रहे हैं देशभक्ति का तमगा ले चुके लोग आज शायद सुकून की नींद सो सके। साथ होने का एहसास देखने को मिला अंत यही है कि जो भी रहा हो जितनी भी आतार्किक हमने किया पर हम सब साथ हैं साथ बना रहेगा तो जरूर जीतेंगे। पुलिस के सायरन वाली गाड़ी डांटने की आवाज और पटाखे ना फोड़े जाने की हिदायत। इन सब ने माहौल को एकदम शांत कर दिया। अंदरूनी इलाकों में शोर अभी जारी है।

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