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प्रेरक शिक्षक मुर्गे बनें और देते रहे बांग

— मप्र के 23 हजार प्रेरक शिक्षकों को अपनी सेवा बहाली का इंतजार

(कमलेश पांडें)

मध्यप्रदेश। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद भी लगभग 23 हजार प्रेरक शिक्षकों को अपनी सेवा बहाली का इंतजार है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इनकी सेवा बहाली का वादा किया था लेकिन 10 माह गुजरने के बाद भी सरकार इस मामले में सोयी हुई है। अब सोयी हुई सरकार को जगाने के लिए प्रेरक शिक्षक अनूठे अंदाज में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मंगलवार को प्रेरक शिक्षक संघ की जिला इकाई ने मुर्गे की बांग देकर कलेक्ट्रेट में सरकार को जगाने के लिए ज्ञापन सौंपा।

— क्या है मामला
मप्र संचालित साक्षर भारत मिशन में प्रेरक शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2012-13 में की गई थी जिसमें 23930 प्रेरक शिक्षकों की भर्ती हुई। उक्त संख्या में 50 प्रतिशत पद अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित थे। जब भाजपा की सरकार थी उस दौरान 6 वर्ष सेवाएं देने के बावजूद 31 मार्च 2018 को प्रेरक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त कर दी थीं। कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के पूर्व अपने वचन पत्र के बिन्दु क्रमांक 47.23 में लिखा व कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो प्रेरक शिक्षकों की सेवा बहाली की मांग का तीन माह में उचित निराकरण करेंगे लेकिन आज तक मांग पूरी नहीं हुई जिसको लेकर साक्षरता संविदा प्रेरक मोर्चा के सदस्यों ने कलेक्टे्रट परिसर के बाहर मुर्गा की आवाज निकालकर अपनी मांगों का ज्ञापन कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम सौंपा है। ज्ञापन देने वालों में प्रदेशाध्यक्ष संदीप गुप्ता, माया पाठक, रजनी, विमला, नीलम, रूबीना, संतोष, बलराम, जितेन्द्र घोष, राजू जाट सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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