मध्य प्रदेश

भारत के नक्शे में कितना कुछ बदल गया और बदल दिया गया

                         ( होमेंद्र देशमुख )
भारत का राजनैतिक मानचित्र कल 31 अक्टूबर से एक बार फिर बदल गया, अब भारत मे 28 राज्य और 9 केंद्रशासित  प्रदेश हो गए हैं । इससे पहले भारत मे ऐसी ही ऐतिहासिक घटना  घटित हुई जब वर्ष 2000 में तीन नए राज्यों का गठन हुआ था 19 साल पहले ,31 अक्टूबर 2000 की शाम से छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण के मौके पर आधिकारिक जश्न  रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में शूरू हो गया था । अगली सुबह  नए राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री का शपथ होना था लेकिन मुख्यमंत्री कौन होगा यह निर्णय अभी भी नही हो पाया था । कुछ दिन से चली आ रही कयास बाजी और अनुमान आज नेताओं के जूतम पैजार तक पहुच चुकी थी । दिल्ली दरबार मे  खिचड़ी तो पक चुकी थी  लेकिन हांडी कौन उतारे इस पर अभी भी शंशय था । दिल्ली को भी सीधा अजीत जोगी का नाम घोषित करने की हिम्मत नही हो रही थी । कहने को तो बटवारे में आये छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी विधायकों को ही अपना नेता चुनना था लेकिन  मप्र के तत्कालीन  मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह  को  दिल्ली से भेजे गए एक पर्यवेक्षक के साथ  ही स्थानीय विधायकों के साथ समन्वय कर  दिल्ली की हांडी रायपुर में उतारने का दायित्व दिया गया था । पर विद्याचरण शुक्ल के समर्थक इस प्रक्रिया से सहमत नही थे । हम सब शंकर नगर मार्ग में नए सीएम के लिए बने बंगले में विधायकों के आने का इंतज़ार कर रहे थे । अचानक खबर आई कि यहां आने से पहले विद्या भैया के फार्महाउस में दिग्विजय सिंह जी का किसी ने कुर्ता फाड़ दिया ।
फटाफट वहां  पहुँचे तो दिग्विजय सिंह गाड़ी में बैठकर रवाना होते दिखे । पीछे पीछे दिग्विजय के कैबिनेट में तब तक स्वास्थ मंत्री रहे अशोक राव तमतमाते हुए दिखे ।
अंदर जाकर विद्या जी से कथित घटना की जानकारी लेने मीडिया की भीड़ लग गई ।
बात कुछ नही-कुछ नही कह कर आई गई हो गई लेकिन वहां से लौटकर कुछ विधायकों के साथ मीटिंग शाम तक होती रही । और शंकर नगर मार्ग पर नए मुख्यमंत्री के लिए सजे उसी बंगले में देर शाम प्रेसवार्ता  कर जोगी जी का नाम स्वतंत्र छत्तीसगढ़ राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में घोषित कर दिया गया ।
विभाजन से पूर्व संयुक्त मप्र के तत्कालीन ग्यारहवीं विधानसभा में कांग्रेस की दिग्विजय सरकार बनाने में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस से बहुतायत में जीत कर भोपाल गए विधायकों का हाथ था । यहां के जालम सिंह पटेल, रविन्द्र चौबे , धनेश पाटिला, अशोक राव, सत्यनारायण शर्मा, रविन्द्र चौबे, भूपेश बघेल आदि को महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी देकर मंत्री पद से तब मुख्यमंत्री ने नवाजा था । यहां के ये विधायक दिग्विजय सिंह के बड़े विश्वासपात्र बन चुके थे , बल्कि भोपाल में तो मप्र के दूसरे क्षेत्र के विधायक दिग्विजय कैबिनेट को मज़ाक और ताने मारकर छत्तीसगढ़ केबिनेट कह देते थे ।
दिग्विजय सिंह से यही नजदीकी ने नए मुख्यमंत्री के और सम्भावित विरोध को बढ़ने नही दिया और जोगी जी ने अगली सुबह इस नए नवेले राज्य के पहले मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और भारत के राज्यों का भौगोलिक और राजनैतिक मानचित्र बदल गया ।
आज भारत के राज्यों का भौगोलिक और राजनैतिक मानचित्र जम्मू कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन के साथ ही फिर बदल गया है ।
 इस बहाने 19 साल पहले बने नए राज्यों में से एक छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण की यह घटना फिर याद आ गई ।
क्योंकि मौका भी है और दस्तूर भी…

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