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राष्ट्रीय पत्रकारिता विवि के पूर्व कुलपति सहित बीस शिक्षक,अधिकारी ने की फर्जी नियुक्तियां, पैसा का गबन,सक्ष्य छुपाए, ईओडब्लू ने किया मामला दर्ज

मध्यप्रदेश। माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एंव संचार विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलपति,कुलसचिव सहित बीस ने मिलकर फर्जी नियुक्तियां (2003 से 2018 तक),सरकारी पैसा का गबन,घर के खर्च में पैसा का उपयोग,अ​खिल भारतीय विद्यार्थी परिषद अन्य राजनैतिक संगठन, संस्थानों को अवैध रूप से राशि दी। जांच में पाया गया कि इन सब ने विश्वविद्यालय को स्वंय की प्राईवेट कंपनी बना दिया था। रविवार को अर्थिक आपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ (ईओडब्लू) ने पूर्व कुलपति,कुलसचिव सहित बीस पर धारा 420,409,120बी,7 के तहत प्रकरण दर्ज किया है। ऐसा पहला मामला होगा जिसमें लगभग पूरा विश्वविद्यालय ही आरोपी बना है।

— इन पर हुआ प्रकरण दर्ज

पूर्व कुलपति ब्रजकिशोर कठीयला ,पूर्व कुलसचिव संजय द्विवेदी, डॉ. पवित्रा श्रीवास्तव डॉ. मोनिका वर्मा ,डॉ.अनुराग सिठा, डॉ.पी.शिशिकला,डॉ. अरुण कुमार भगत,डॉ. आरती सारंग,डॉ.रजनी नागपाल,डॉ. रंजन सिंह,डॉ. मनोज कछारिया,डॉ. अनुराग बाजपेयी,डॉ. गजेंद्र सिंह,डॉ. सौरभ मालवीय,डॉ. कंचन भाटिया,डॉ. कपिल राज,डॉ. सतेंद्र डहेरिया,डॉ. सुरेन्द्र पोल,डॉ. सूर्य प्रकाश,डॉ. प्रदीप डहेरिया शामिल हैं।

अब फर्जी वेबसाइट विज्ञापन मामला शेष..

बीतें कुछ दिन में मप्र की कांग्रेस सरकार ने पिछली बीजेपी सराकर के कार्यकाल में हुए घोटाले,घपलों को लकर गंभीरता दिखाई है। सबसे पहले अब अस्सी हजार करोड तुक पहंच गए ई—टेंडरिंग घोटाले में अर्थिक आपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ ने प्रकरण दर्ज किया। अब रविवार 14 अप्रैल 2019 को माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एंव संचार विश्वविद्यालय भोपाल में फर्जी नियुक्तियां, सरकारी पैसा का गबन सहित अन्य घोटाले, गडबडी के मामले में कुल बीस लोगो पर आपराध कायम किया है। तीसरा सबसे चर्चित मामले फर्जी वेबसाइट विज्ञापन का घोटाला है। देखना होगा इसमें कब तक अर्थिक आपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ अपराध दर्ज करता है या यह घोटाला फिर लटका दिया जाएगा।

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