मुख्य समाचारराष्ट्रीय

पाकिस्तान जल संकट,भूखमरी और भयानक अर्थिक तंगी के मुहाने पर

-भारत ने पाकिस्तान को चारो तरफ से घेरा, बंद होगा पानी

— भारत के किसान और व्यपारियों ने आयात और निर्यात किया बंद
— पाक में सब्जी
के भाव आसमान पर, व्यापरियों का माल बंदरगाह पर ही सडेगा
— भारत के व्यपारियों ने पाक से आने वाल समान बचने से किया इंकार

(श्रवण मावई )

किसी भी देश की असली ताकत उसकी सेना होती है, सेना पर हमला होगा तो फिर देश तो गुस्से में आएगा ही, कई सालों से सब्र का जहर पी रहे भारतीयों सब्र अब टूट गया है। सरकार भी इस बात को समझ गई है कि यदि अब पाक पर कार्रवाई नहीं की गई तो देश में फैला आक्रोश कुछ ओर ही रंग ले लेगा। इसलिए केंद्र सरकार ने अब पाक की तरफ जाने वाली नदियों का पानी रोकने का निर्णय लिया है। इससे साफ हो गया है केंद्र सरकार सिंधु जल समझौता तोडने का फैसला कर चुकीं है और अब पाक को चारो तरफ से घेरा जा रहा है। पानी रोकने से पाक में जल संकट पैदा होगा। वहीं भारतीय किसानों ने पाक में सब्जी की सप्लाई रोक दी है, व्यापरियों ने पाक से आने वाले समान को बचने से इंकार कर दिया है। इससे पाक में भूखमरी और अर्थिक तंगी होगी।

बात पानी से शुरू की जाए..

भारत और पाक के बांटवारे के बाद पानी का बंटवारा होना सभंव नहीं था क्योंकि नदियां भारत की तरफ से बहती हुई पाक में पहुंच रही है ऐसे में पाक को हमेशा ही डर बना रहा कि भारत कभी उसकी तरफ आने वाला पानी रोक सकता है। जब तक यह डर पाक के मन में बसा रहा तब तक उसने कभी भी भारत से सीधे तौर पर पंगा नहीं लिया। पानी को लेकर पाक और भारत के बीच बातचीत चलती रही, 1960 के दौर में दोनों देशो के बीच विश्व बैंक के दखल और मध्यस्था में सार्थक बात हुई । दोनों देश पानी पर समझौता करने को तैयार हो गए। दोनों के बीच हुए समझौते को नाम दिया गया सिंधु जल संधि । यह समझौता या संधि पानी के ​वितरण के लिए की गई संधि है। कराची में 19 सिंतबर 1960 को पाकिस्तान के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने इस संधि पर हस्ताक्षर किए।

क्या है सिंधु जल संधि

1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सिंधु जल संधि के अनुसार भारत की तीन पूर्वी नादिया रावी, ब्यास और सतलुज को पूर्ण नियंत्रण भारत के पास रहेगा और तीन पश्चिम नादिया सिंधु,चिनाब और झेलम का नियंत्रण पाकिस्तान को होगा। संधि के मुताबिक पाक नियंत्रिण नदियों के पानी का उपयोग करने का अधिकार है भारत इन नादियों के पानी का उपयोग संचाई, बिजली
उत्पादन और परिवहन में कर सकता है। भारत इन नादियों पर परियोजना निर्माण भी कर सकता है जैसे बांध और अन्य निर्माण,लेकिन उसेके लिए कुछ निश्चित नियम निर्धारित किए गए है।

-बात सिंधु नदी के पानी की

सिंधु जल संधि के अनुसार भारत सिंधु नदी के पानी के सिर्फ 20 फीसदी पानी का कर सकता है। लेकिन सिंधु नदी भारत की तरफ से बहती हुई पाकिस्तान पहुंची है, अगर वहां तक पानी ही नहीं पहुंचा तो फिर पाक में जल संकट का पैदा होना निश्चित है। इस नदी के बाहव का रूख मोडा जाएगा जिससे पानी आगे नहीं जाएगा। केंद्र सरकार ने इसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली है।

-सिंधु जल संधि के बाद पाक के सुर बदले

1960 में सिंधु जल संधि के बाद से पाकिस्तान के सुर बादलने लगे, उसने लगातार भारत पर हमले की साजिश रची और किसी न किसी तरह भारत को परेशान करने के लिए नए नए तरकीबे लगाई । 1965 और 1971 का युद्व इसी का नतीजा था। दोनो ही युद्व में पाकिस्तान को हार का मुंह देखना पडा। इसके बाद भी पाक चुप नहीं बैठा, उसने कश्मीर के रास्ते आंतकवाद फैलाना शुरू कर दिया। 71 के बाद से भारत में आंतकवाद ने अपने पैर जमाना शुरू किया। कई तथ्यों और रिपोट्स के अनुसार पाकिस्तान अपनी सेना और आंतकवाद को उपयोग इस्तमाल भारत के विरुद्ध कर रहा है।

-उरी हमला 2016 के बाद संधि पर विचार शुरू हुआ

भारत में हुए उरी आंतकी हमले में बाद से ही भारतीय सरकार ने सिंधु जल संधि को तोडने पर विचार करना शुरू कर दिया था। पुलवामा आंतकी हमले के बाद तो अब इसे तोडने का निर्णय ले लिया गया है। यह भी हो सकता है कि भारतीय सरकार सीधे तौर पर संधि न तोडे पर पानी पर रोक लगा दी जाएगी।

-भारतीय नागरिक भी सेना के साथ

भारतीय नागरिक भी सेना के साथ है, वो भले ही सरहद पर जाकर पाक सेना से नहीं लडे पर उसको सबक तो सिखा ही देंगे । भारतीय किसान ने पाक जाने वाली सब्जी की सप्लाई बंद कर दी है। सबसे पहले मध्यप्रदेश के झाबुआ के किसानों ने टमाटर को पाकिस्तान भेजने से इंकार कर दिया। झाबुआ का टमाटर पाकिस्तान में काफी पंसद किया जाता है और इसकी यहां काफी मांग है। व्यापारियों ने भी पाकिस्तान से कारोबार करने से इंकार कर दिया और पाकिस्तान से आने वाले सभी समान को बेचने से इंकार किया है । कुछ जगह तो व्यापारियों चीन का सामान भी बेचने से मना किया है।

-सरकार ने अब तक क्या किया

पुलवामा आंतकी हमले बाद भारत सरकार ने सबसे पहले सेना को पाक मामले में पूर्ण रूप से स्वंतंत्र किया। पाकिस्तान से आने वाली सभी चीजों पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया। जिससे आयात चीजों के दाम बढ जाएंग, लेकिन व्यापारी ने इतना टेक्स देने से इंकार दिया और अब पाक से आने वाला सामान वही सड रहा है। उसके बाद कश्मीर के अलगाववादी 18 नेताओं की सुरक्षा वापस ली। बहुत पैसा बचेगा और अब सबसे महत्वपूर्ण निर्णय भारत से पाकिस्तान जाने वाली नदियों में पानी का बहाव रोका जाएगा । इस सबंध में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ट्वीट करके लिखा कि सरकार ने फैसला लिया है भारत से पाकिस्तान जाने वाली नदियों में हमारे हिस्से का पानी का बहाव रोका जाएगा, हम धारा मूर्ति से पूर्वी नदियों में मिलाएंगे और उससे हम पानी अपने जम्मू कश्मीर और पंजाब के लोगों तक पहुंचाएंगे।

Related Articles

Back to top button