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वेडिंग इंश्योरेंस करा बेफिक्र करें वैवाहिक जीवन की शुरुआत

हर साल नवंबर महीने में रिकॉर्ड शादियां होती हैं। इस बार भी यह ट्रेंड जारी रहने की उम्मीद है। बदलते दौर के साथ शादी समारोह की साज-सज्जा, भव्यता और खर्च का बजट तेजी से बढ़ा है। इन दिनों एक शादी समारोह की लागत 10 लाख रुपये से 2 करोड़ तक पहुंच रही है। ऐसे में शादी समारोह की सुरक्षित करना जरूरी हो गया है। आप इसको बहुत ही कम खर्च में कर सकते हैं। आज के समय में ज्यादातर बीमा कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस मुहैया करा रही हैं। इस बीमा पॉलिसी को लेकर आप शादी समारोह के दौरान किसी आकस्मिक घटना से होने वाले नुकसान से सुरक्षित कर सकते हैं। आइए जानते हैं इस इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में।

क्यों जरूरी है शादी का बीमा
भारत में शादी समारोह में जमकर पैसा खर्च किया जाता है। दूल्हे-दूल्हन की महंगी ड्रेस से लेकर ज्वैलरी का भी लाखों का बजट होता है। इसके अलावा कार्ड छपने, समारोह स्थल की बुकिंग, हलवाई, डेकोरेटर और ट्रैवल बुकिंग आदि पर भी भारी भरकम रकम खर्च होती है। अगर शादी समारोह में कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो वेडिंग इश्योरेंस होने पर इसका मुआवजा मिल जाता है। हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कितनी राशि का बीमा कराया गया है। इसके अलावा अगर किसी कारणवश आपकी शादी की डेट बढ़ गई है या रद्द हो गई है, तो इसका दावा भी आप कर सकते हैं।

कुल खर्च का सिर्फ एक फीसदी प्रीमियम
शादी समारोह को सुरक्षित बनाने के लिए आप बहुत ही मामूली खर्च पर वेडिंग इंश्योरेंस ले सकते हैं। बीमा विशेषज्ञों के मुताबिक कुल खर्च का कवर पर प्रीमियम 0.75 फीसदी से एक फीसदी तक ही बैठता है। अगर कोई 10 लाख रुपये खर्च का कवर लेता है तो उसका प्रीमियम 8,000 रुपये से 15,000 रुपये के बीच आता है। आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, एचडीएफसी एर्गो, बजाज ऑलियांज जैसी कंपनियां वेडिंग इंश्योरेंस देती हैं।

इस तरह कर सकते हैं दावा
वेडिंग इंश्योरेंस लेने के बाद अगर शादी समारोह में कोई अप्रिय घटना घट जाती है तो आप बीमा कंपनी से क्लेम ले सकते हैं। हालांकि, इसके लिए आपको सभी बिल दिखाने होंगे। वहीं, ज्वैलरी चोरी हो जाती है तो एफआईआर दर्ज की कॉपी के साथ बिल दिखाने होंगे।

हर बिल को को संभालना जरूरी
वेडिंग इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले यह जानना जरूरी है कि आप समारोह से जुड़े सभी खर्चों का रिकॉर्ड व्यवस्थित तरीके से सहेज कर रखें। पॉलिसी लेते समय कंपनियां समारोह स्थल, कार्यक्रमों की सूची, दूल्हा और दुल्हन की जानकारी, करीबी रिश्तेदारों के परिचय आदि जैसी जानकारियां लेती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बिल, इनवॉइस और बुकिंग रसीद जैसे खर्च के सबूत संभालकर रखने चाहिए। दावे के वक्त इनकी जरूरत पड़ती है।

यह कवर नहीं होता
शादी समारोह के बीच झगड़े से होने वाले नुकसान या शादी रद्द होने पर कवर नहीं मिलता है। इसके अलावा लापरवाही और आपराधिक छेड़छाड़ की घटनाओं से शादियां रद्द होने पर भी कवर नहीं मिलेगा।

पॉलिसी लेने की योग्यता
बीमा लेने वाले व्यक्ति की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और अधिकतम आयु 40 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। वह भारत का नागरिक हो।

बीमा पॉलिसी लेने से पहले इन बातों का रखें ख्याल

– वेडिंग पॉलिसी में किस प्रकार का कवर मिलेगा इसको पता करें।
– क्या पॉलिसी आपकी जरूरत को पूरा करने में सक्षम है।
– सभी पॉलिसी देखें और उसके बाद जरूरत के मुताबिक बेहतर पॉलिसी चुनें।
– प्राथमिक कवर में समारोह/वेडिंग रद्द होना शामिल होना चाहिए।
– आग लगने और चोरी के लिए आप अलग से पॉलिसी भी ले सकते हैं।
– आपके पास पहले से ज्वैलरी इंश्योरेंस है, तो वेडिंग इंश्योरेंस में इसे हटा दें।

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