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पुल-फ्लाईओवर अब होंगे ज्यादा मजबूत, SAIL ने किया पुख्ता इंतजाम

देश में बनने वाले पुल, फ्लाइओवर और गगनचुंबी इमारतों की सुरक्षा को दोगुना करने की खातिर स्टील अथॉरिटी ऑफ इण्डिया लिमिटेड (सेल) ने एक अहम पहल की है. सेल ने देश में पहली बार एनपीबी-750 (NPB-750) यानि नैरो पैरेलल फ़्लेंज बीम (Narrow Parallel Flange Beam) की रोलिंग करने की उपलब्ध‍ि हासिल की है. इसके साथ ही अथॉरिटी इस उपलब्ध‍ि को हासिल करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है.

सेल की तरफ से तैयार की गई एनपीबी-750 बीम की depth 750 मिलीमीटर होगी. एनपीबी-750 तीन अलग-अलग सेक्शनल वजन में उपलब्ध है. सेल के मुताबिक एनपीबी-750 के उत्पादन से देश में होने वाले सार्वजन‍िक जैसे पुल, फ्लाइओवर, रेलवे ब्र‍िज और विभिन्न कारखानों के ढांचों को अध‍िक मजबूती प्रदान करेगा.

इनके अलावा निजी उपयोग की बहुमंजिला मकानों और गगनचुंबी इमारतों का निर्माण भी और मजबूत होगा. इससे इनके निर्माण में आने वाली लागत भी कम होगी.

सेल के मुताबिक नैरो पैरेलल फ़्लेंज बीम की depth जितनी ज्यादा बढ़ जाती है. उसकी भार सहने की क्षमता भी काफी ज्यादा हो जाती है. भारत में सामान्य रूप से 600 मिलीमीटर से अधिक depth के नैरो पैरेलल फ़्लेंज बीम उपलब्ध नहीं होते थे.

ऐसे में इसकी जरूरत पूरी करने की खातिर निर्माणकर्ता फैब्रिकेशन बीम का इस्तेमाल किया करते थे. इससे लागत बढ़ जाती थी. जिसके चलते निर्माण महंगा हो जाता था. एनपीबी-750 को सेल के बर्नपुर स्थित इस्को इस्पात संयंत्र के यूनिवर्सल स्ट्रक्चरल मिल (यूएसएम) ने विकसित किया है. स्टील स्ट्रक्चरल्स आधारित निर्माण कई मायनों में परंपरागत कंक्रीट निर्माणों से बेहतर होता है.

इनकी मदद से हल्के और भारी दोनों तरह के ढांचों को खड़ा करने में मदद मिलती है. इससे निर्माण में कम समय लगता है. इमारतों की सुरक्षा बढ़ जाती है. मजबूत संरचना के चलते ये ढांचे भूकंप का मुकाबला करने में भी सक्षम होते हैं.

सेल अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इस्को इस्पात संयंत्र की इस उपलब्धि की सराहना की है. उन्होंने कहा कि “सेल लगातार देश और बाज़ार की जरूरतों के अनुरूप अत्याधुनिक मानकों के उत्पादों के विकास में लगा हुआ है.

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