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छत्तीसगढ़ में ये आदिवासी युवा है AAP का मुख्यमंत्री उम्मीदवार

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में पहली बार किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी ने आदिवासी समाज के युवक को मुख्यमंत्री पद का दावेदार बनाया है. पार्टी इसके जरिए आदिवासी बाहुल्य छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के वोटों में सेंध लगाने की कोशिश में है.

आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ में सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. पार्टी ने 84 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. पार्टी ने 37 वर्ष के युवक कोमल हुपेंडी को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश कर अन्य राजनीतिक दलों को चौंका दिया है. हुपेंडी राज्य के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के मुंगवाल गांव के निवासी हैं.

कौन हैं कोमल हुपेंडी

पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने बुधवार को यहां बताया कि हुपेंडी राज्य में मुख्यमंत्री पद के सबसे युवा उम्मीदवार हैं. इतिहास में एमए तक पढ़ाई करने वाले हुपेंडी वर्ष 2005 बैच में सहकारिता विस्तार अधिकारी के पद पर भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. राय ने बताया कि हुपेंडी ने वर्ष 2016 में सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था और आम आदमी पार्टी के सदस्य बन गए थे.

गोपाल राय ने बताया कि हुपेंडी ने दो किताब लिखी हैं और राज्य में आदिवासियों के लिए हुल्की महोत्सव, कोलांग महोत्सव और पर्रा जलसा की शुरुआत की थी. राय के मुताबिक हुपेंडी गरीब आदिवासी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं और शराबबंदी को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं.

पार्टी के प्रदेश संयोजक संकेत ठाकुर ने कहा कि राज्य में आदिवासी और किसान समेत समाज के सभी वर्ग अब आम आदमी पार्टी पर भरोसा कर रहे हैं. राज्य में बीजेपी के पिछले 15 वर्ष के शासनकाल में सरकार ने इस वर्ग को भुला दिया है. वहीं लोगों को कांग्रेस पर भी भरोसा नहीं है.

ठाकुर ने कहा कि छत्तीसगढ़ का निर्माण आदिवासियों और आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों के विकास के लिए हुआ था. लेकिन यह अभी तक नहीं हो पाया है. उनकी पार्टी चाहती है कि राज्य में आदिवासी क्षेत्रों का विकास हो. मुख्यमंत्री पद के लिए आदिवासी युवा को इसीलिए सामने लाया गया है.

राज्य का सियासी गणित

बता दें कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा की 90 सीटें हैं. इनमें से 49 सीटों पर बीजेपी और 39 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. वहीं एक एक सीटों पर बहुजन समाज पार्टी और निर्दलीय विधायक हैं. राज्य में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 सीटें आरक्षित हैं जो राज्य में सरकार बनाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान AAP राज्य की 11 सीटों में 10 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और सभी सीटों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था.

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