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PNB घोटाला: US बैंकरप्सी कोर्ट के एग्जामिनर ने खोले नीरव मोदी से जुड़े कई राज़

अमेरिका में ‘बैंकरप्सी कोर्ट सदर्न डिस्ट्रिक्ट ऑफ न्यूयॉर्क’ को सौंपे गए 165 पन्नों के डोजियर की गूंज भारत में साफ सुनी जा सकती है. इस रिपोर्ट ने भारत के इतिहास के सबसे बड़े बैंक घोटाले को लेकर कई ऐसी बातों को सामने ला दिया है, जो अभी तक पर्दे में ढकी थीं. रिपोर्ट को जॉन जे कार्नी ने तैयार किया है. अमेरिकी बैंकरप्सी कोर्ट ने कार्नी को अमेरिका स्थित तीन जूलरी कंपनियों के लिए एग्जामिनर नियुक्त किया था. इन तीनों कंपनियों का मालिकाना हक पीएनबी घोटाले के अभियुक्त नीरव मोदी के पास है.

नीरव मोदी घोटाले को लेकर देश में जांच जारी है, लेकिन अमेरिकी कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट से भारत की उन कदमों को मजबूती मिलेगी, जिनके तहत अमेरिका में नीरव और उसके करीबियों की संपत्तियों को जब्त करने की कोशिश की जा रही है. एग्जामिनर कार्नी 120 दिन की गहन जांच के दौरान ऐसे पुख्ता सबूत मिले हैं, जो नीरव मोदी के अमेरिका स्थित दो करीबियों के पीएनबी घोटाले में शामिल होने और जानकारी रखने की ओर इशारा करते हैं. नीरव मोदी के ये दो करीबी हैं- मिहिर भंसाली (CEO, फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल और फैंटसी इंक.) और अजय गांधी (CEO, फायरस्टार की अमेरिकी कंपनियां जैसे कि FDI, FI और ए. जाफे).

मुंबई में इस साल के शुरू में पीएनबी की ब्राडी हाउस स्थित शाखा से भारत के सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले का खुलासा हुआ था. उसके कुछ ही दिनों बाद फरवरी में अमेरिका में नीरव मोदी की तीन कंपनियों- फायरस्टार डायमंड इंक, फैंटसी इंक और ए जाफे इंक ने बैंकरप्सी (दीवालिया) के लिए आवेदन किया था. इस साल 13 अप्रैल को अमेरिका में कोर्ट ने एग्जामिनर नियुक्त किया. एग्जामिनर को ये तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई कि क्या तीन अमेरिकी कॉरपोरेशन्स की भारत में कथित आपराधिक आचरण में संलिप्तता रही है? इन तीनों अमेरिकी कॉरपोरेशन्स का मालिकाना हक अप्रत्यक्ष तौर पर नीरव मोदी और उसके अधिकारियों और निदेशकों के पास था.

एग्जामिनर की जांच में ‘अलवारेज एंड मार्सल डिस्प्यूट्स एंड इंवेस्टीगेशंस’ ने सहायता की, जिसकी अगुआई एफबीआई के रिटायर्ड स्पेशल एजेंट विलियम बी वाल्डी के पास है. नीरव मोदी की अमेरिका स्थित कंपनियां वहां के प्रमुख रिटेलर्स को ‘फिनिश्ड जूलरी’ बेचती थीं. इन रिटेलर्स में कॉस्टको, जेसी पेन्नी, आर्मी/नेवी स्टोर्स, मैकी’स एंड ज़ेल्स आदि शामिल हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक एग्जामिनर ने जांच में पाया कि नीरव मोदी की अमेरिका स्थित कंपनियों ने लाखों डॉलर के कथित हीरों की बिक्री शेल कंपनियों को की. इनके भुगतान के तार पीएनबी कर्ज घोटाले से फर्जीवाड़े के जरिए जुटाई गई रकम से जुड़े मिले. एग्जामिनर की जांच से ये भी पुष्टि हुई कि इस तरह की बिक्री से आपराधिक तौर पर जुटाए गए पैसे को भारत से अमेरिका लाया गया.

कई मौकों पर पैसे को भारत वापस भेजा गया या अमेरिका स्थित अपनी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल किया गया. इसमें बैंकों के कर्ज पर भुगतान भी शामिल है. डोजियर में ये हवाला भी दिया गया कि शेल कंपनियों का पैसा अमेरिका में सेंट्रल पार्क साउथ में 60 लाख डॉलर का अपार्टमेंट खरीदने में भी इस्तेमाल किया गया. इस अपार्टमेंट को नीरव मोदी और उसके परिवार के इस्तेमाल के लिए खरीदा गया.

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