मध्य प्रदेश

हजार रुपए से कम वेतन में कैसे करें काम वेतन बढ़ाओ नहीं तो करेंगे उग्र आंदोलन

महज एक हजार रुपए से कम मानदेय पर काम कर रही जिले की आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं में सरकार की उपेक्षा को लेकर खासा आक्रोश है। मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर इन आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं ने शनिवार को सीएम के नाम एसडीएम को एक ज्ञापन सौंपा।

आशा-ऊषा सहयोगिनी कार्यकर्ता संगठन के बैनर तले यह ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन के माध्यम से इन कार्यकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2016 से कार्यरत होने के बावजूद अभी तक उनका मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। संगठन की जिला अध्यक्ष विनीता शर्मा ने बताया कि आशा-ऊषा कार्यकर्ता व सहयोगी ग्रामीण क्षेत्रों में राष्ट्रीय एवं राज्य सरकार के कार्यक्रमों का क्रियान्वयन सुचारू रखने के लिए नियमित रूप से कार्य करते हैं। उन्होंने बताया कि आशा-ऊषा एवं सहयोगियों का प्रदेश व जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर कम करने में महत्वपूर्ण योगदान है।

इसके बाद भी सरकार आशा-ऊषा एवं सहयोगियों की जायज मांगों पर ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने बताया कि यदि उनकी मांग पूरी नहीं होगी तो 2 मई को जहां सीएम हाउस जाकर अपनी मांग रखेंगे, वहीं 5 मई को प्रदेश स्तरीय आंदोलन भोपाल में किया जाएगा।

संगठन की अध्यक्ष विनीता शर्मा ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में आशा-ऊषा एवं सहयोगी कर्मचारी को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिए जाने, आशा-ऊषा को 10 हजार रुपए व सहयोगी कर्मचारी को 15 हजार रुपए फिक्स वेतन दिया जाए एवं आशा कार्यकर्ताओं को आरोग्य केंद्र पृथक किए जाने की मांग शामिल है।

आशा उषा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन।

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