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टीम इंडिया के ‘पिंक टेस्ट’ को लेकर संशय बरकरार, कोहली से ‘विराट’ चर्चा के बाद होगा निर्णय

नई दिल्ली: भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली और उनके साथी खिलाड़ियों का अक्टूबर में वेस्ट इंडीज के खिलाफ डे-नाइट टेस्ट खेलने पर संशय बरकरार है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सूत्रों ने बताया कि विराट कोहली ने इस ताल्लुक से कोच रवि शास्त्री से बात की है। साथ ही वह 7 अप्रैल को मुंबई में होने वाली आईपीएल ओपनिंग सेरेमनी से पहले विनोद राय की अध्यक्षता वाली प्रशासकों की समिति (सीओए) से भी इस मामले पर चर्चा कर सकते हैं।

टेस्ट क्रिकेट में फैंस की दिलचस्पी बढ़ाने के लिए बीसीसीआई के कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी समेत कई अधिकारियों ने डे-नाइट टेस्ट आयोजित कराने चाहते हैं। हालांकि, खिलाड़ियों ने कूकाबूरा पिंक गुलाबी बॉल का परीक्षण नहीं किया है। राय भी पहले यह चिंता जता चुके हैं। उनकी चिंता थी कि डे-नाइट टेस्ट कराने से पहले क्रिकेटर्स से सलाह ले लेना बेहतर होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने संकेत दिए हैं कि कोच शास्त्री ने डे-नाइट टेस्ट खेलने पर लिखित तौर अपनी सहमति अमिताभ चौधरी को दी है। लेकिन कोहली को भरोसा नहीं है कि लाइट्स के नीचे उन्हें कितने सेशन खेले जाएंगे। सामान्य तौर पर डे-नाइट टेस्ट में एक से ज्यादा सेशन का खेल लाइट्स के नीचे होता है मगर शास्त्री ने मशविरा दिया है कि लाइट्स के नीचे एक सेशन का खेल हो।

गौरतलब है कि पिंक बॉल से खेलने को लेकर टीम इंडिया के पूर्व बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी 2016 में चिंता जता चुके हैं। वीरेंद्र सहवाग कहा कहना था कि टेस्ट क्रिकेट को गुलाबी गेंद की जरूरत नहीं है। सहवाग के मुताबिक, टेस्ट मैच को दर्शकों के बीच और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए गुलाबी गेंद जैसी पहल को अपनाने की कोई जरूरत नहीं। अगर मैदान पर अच्छी टीमें खेल रही होंगी, तो दर्शक स्वयं ही खिंचे चले आएंगे। सहवाग ने कहा था कि टेस्ट क्रिकेट का प्रारूप काफी अच्छा है। इसमें बदलाव की जरूरत नहीं। इसलिए दर्शकों को आकर्षित करने के लिए आपको गुलाबी गेंद को शामिल करने की कोई जरूरत नहीं।’

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