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सरकारी शराब दुकानों में 28 लाख का फर्जीवाड़ा, FIR की तैयारी

बिलासपुर। जिले में चल रही 71 शराब दुकानों में से तीन के हिसाब में गड़बड़ी मिली है। यदुनंदन नगर, व्यापार विहार और कोटा की शराब दुकानों के सेल्समैन और मैनेजर ने ग्राहकों को शराब तो बेची, लेकिन पैसे शासन के खाते में जमा नहीं कराए। इस तरह करीब 28 लाख रुपए की गड़बड़ी हुई है। आबकारी विभाग अब इस फर्जीवाड़े में एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी में जुटा है। इससे पहले दोषियों को पैसे जमा कराने का समय दिया गया है।

शासन ने शराब दुकान संचालन की जवाबदारी ईगल हंटर कंपनी को दी है। कंपनी के कर्मचारी ही शराब बिक्री कर शासन के खाते में पैसे जमा कर रहे हैं। शराब दुकानों की समय-समय पर की गई ऑडिट में इन तीनों शराब दुकानों में गड़बड़ी उजागर हुई है। इस पर कंपनी को नोटिस दिया गया है।

कंपनी अपने आरोपी कर्मचारियों से पैसे की वसूली करने में जुटी है। इधर आबकारी विभाग ने साफ कर दिया है कि अगर शासन के खाते में पैसे जमा नहीं हुए तो एफआइआर करने को बाध्य होंगे। इधर इस गड़बड़ी के बाद हड़कंप मचा हुआ है। विभागीय अधिकारी भी इस मामले को दबाने में जुट गए हैं।

फिर से ऑडिट और स्कैनिंग शुरू

वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन 31 मार्च को शराब ठेका का साल पूरा हो रहा है। नया ठेका शुरू हो, इससे पहले फिर से सभी दुकानों की ऑडिट शुरू कर दी गई है। इसके अलावा शराब दुकानों में शराब के बचे हुए स्टॉक की स्कैनिंग कर उसे सेंट्रल सर्वर में अपलोड किया जा रहा है। स्कैनिंग के लिए कई जगहों पर शराब दुकान बंद करके काम किया जा रहा है।

– गबन करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। हम उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं।

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