मध्य प्रदेश

सिंधिया पर सीएम शिवराज ने कसा तंज, कहा- मैं सोने का चम्मच लेकर नहीं पैदा हुआ

भोपाल। उपचुनाव में हार के बाद मुख्यमंत्री पहली बार कोलारस विधानसभा के बेरखेड़ी गांव में लोक कल्याण शिविर में शिरकत करने पहुंचे, जहां उन्होंने अपने चिर प्रतिद्वंदी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि मैं सोने का चम्मच लेकर नहीं पैदा हुआ।

भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोलारस और मुंगावली विधानसभा उपचुनाव में मिली हार को कविताओं के माध्यम से हवा में उड़ाने की कोशिश करते हो लेकिन हार की टीस वक्त-वक्त पर उनकी जुबान पर आ ही जाती है। कोलारस पहुंचे सीएम ने एक तरफ जहां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘ न हार में न जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं ‘ गाकर ये जताने की कोशिश करते नज़र आए कि इन उपचुनावों के परिणाम से उन पर कोई असर नहीं पड़ता है, तो वहीं दूसरी तरफ अपने प्रतिद्वंदी ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मैं सोने का चम्मच लेकर नहीं पैदा हुआ।’

शिवपुरी के ग्राम बेरखेड़ी में सीएम ने पत्नी साधना सिंह के साथ जनता के बीच पहुंच कर आभार प्रकट किया। सीएम ने कहा कि अबकी बार हार गए तो क्या हुआ, पिछली बार तो ज्यादा वोटों से हारे थे, अगले चुनाव में देखेंगे। उन्होंने यहां कई घोषणाएं की। 200 रुपए में गरीबों को भरपूर बिजली देने का वादा करते हुए कहा कि बेटा-बेटी कोख में होगा तो 6 महीने से 9 महीने के बीच में 4000 सीधा बहन के खाते में दूंगा।

एक बार हाथ पकड़ लेता हूं, तो जन्म भर नहीं छोड़ता
यहां सीएम ने नाम लिए बगैर सिंधिया पर निशाना साधते हुए, अपने आप को संघर्षों में पला बढ़ा बताकर हार स्वीकार करते हुए कहा कि, मैं सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ। लोक कल्याण शिविर करते हुए मुख्यमंत्री ने होली और रंगपंचमी की शुभकामनाएं दी। अब ये तो नहीं सोचा था कि, हार गई बीजेपी तो सीएम अब क्यों आएंगे, पीछा नहीं छोड़ूंगा। एक बार जो हाथ पकड़ लेता हूं, तो जन्म भर नहीं छोड़ता।

‘कर्तव्य पथ पर जो मिला, ये भी सही, वो भी सही’
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि, अरे भैया हार गए तो हार गए। थोड़े बहुत से रह गए, पहले तो बहुत ज्यादा से हारे थे। कहीं कोई कसर रह गई होगी, थोड़ी बहुत। अगली बार देख लेंगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं। कर्तव्य पथ पर जो मिला, ये भी सही, वो भी सही।

‘मैं सोने की चम्मच लेकर पैदा नहीं हुआ’
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने यहां ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बगैर इशारों में निशाना साधते हुए कहा कि, मैं कोई सोने की चम्मच लेकर पैदा थोड़े हुआ हूं। मैं तो गांव में पैदा हुआ हूं। मैं तूफानों में पला हुआ, संघर्षों से है प्यार मुझे। जय पराजय में डूबा जीवन है स्वीकार मुझे

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