मध्य प्रदेश

हितग्राहियों को पता ही नहीं और बन गया तीन मिलाकर एक शौचालय

भोपाल. ओडीएफ का तमगा पाने के लिए पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार की परतें अब खुलने लगी हैं। हालात ये है कि एक-एक पंचायत में तीन-तीन परिवारों के शौचालय बनाकर उसमें घटिया सामग्री लगाई गई। चंद महीनों में उनकी स्थिति खराब होने लगी। आदमपुर छावनी पंचायत में तो शौचालय बने ही नहीं और हितग्राहियों के नाम पर रुपया निकाल लिया गया।

इस मामले में पंचायत सचिव निलंबित किया गया, लेकिन घोटाला और बड़ा है। वार्ड-5 के सदस्य ने इस मामले की तह तक जाने के लिए उच्च स्तर पर कमेटी बनाकर जांच की मांग करते हुए कौडि़या, कालापानी, बरखेड़ा, छापमुगालिया, खजूरी सहित एक दर्जन से ज्यादा पंचायतों में जांच की मांग की है।

जिला पंचायत वार्ड-क्रमांक 5 के सदस्य रीना विष्णु शर्मा ने अलग-अलग पंचायतों में शौचालय निर्माण में हुए घोटाले का अरोप लगाया है। उनका कहना है कि ये घोटाला करीब ३ करोड़ रुपए का है। इस मामले की जांच कराने के लिए कलेक्टर स्तर पर कमेटी का गठन हो उसके बाद ही जांच शुरू हो। क्योंकि इसमें जिला पंचायत स्तर के कर्मचारी और पूर्व अधिकारी शामिल हैं।

ऐसे किया गड़बड़झाला
नियमानुसार एक परिवार के लिए एक शौचालय होना चाहिए, लेकिन यहां प्रति हितग्राही 12 हजार रुपए निकालने के बाद तीन-तीन शौचालय एक साथ जोड़ दिए गए हैं। इसमें निर्माण सामग्री की बचत करने के साथ घटिया सामग्री लगाई गई है। चंद महीने में ही उनमें सीलन आने लगी है। अगर यही हाल रहा तो बरसातों में ये गिर भी सकते हैं।

इस मामले की जांच कराने के लिए कलेक्टर स्तर पर कमेटी का गठन हो उसके बाद ही जांच शुरू हो। क्योंकि इसमें जिला पंचायत स्तर के कर्मचारी और पूर्व अधिकारी शामिल हैं। आदमपुर छावनी पंचायत में तो शौचालय बने ही नहीं और हितग्राहियों के नाम पर रुपया निकाल लिया गया।

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