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बार-बार महत्त्वहीन याचिकाएं दर्ज करने पर SC नाराज, कोर्ट से जबरदस्ती बाहर निकलवाया

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने सुराज इंडिया ट्रस्ट के अध्यक्ष राजीव दहिया को कोर्ट से बाहर करने का आदेश दिया। चीफ जस्टिस का आदेश मिलते ही कोर्ट में तैनात सुरक्षाकर्मी ने राजीव दहिया को कोर्ट से बाहर निकाल दिया।

दरअसल महत्त्वहीन मामलों को दाखिल करने के आरोप में सुप्रीम कोर्ट ने दहिया पर 25 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। दहिया ने सुप्रीम कोर्ट से इस फैसले को वापस लेने की अर्जी दाखिल की थी। जब चीफ जस्टिस ने कहा कि हम अपना आदेश वापस नहीं लेंगे, तो राजीव दहिया कोर्ट से कहने लगे कि हमारे मामले पर प्रर्याप्त सुनवाई नहीं हुई है।

कोर्ट का समय बर्बाद मत कीजिए
चीफ जस्टिस ने कहा कि आप 64 बार ऐसी अर्जियां दाखिल कर चुके हैं, हम अपना आदेश वापस नहीं लेंगे। तब दहिया फिर से आदेश वापस लेने की मांग करने लगे, जिससे चीफ जस्टिस नाराज हो गए और कह दिया कि आप हमारा समय बर्बाद मत कीजिए। कई लोग जेल में हैं, महिलाओं को न्याय चाहिए, सभी न्याय का इंतजार कर रहे हैं, हम अपना फैसला नहीं बदलेंगे।

64 बार याचिकाएं की दायर, ज्यादातर हुईं खारिज

पिछले एक मई को सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ सुराज इंडिया ट्रस्ट और उसके अध्यक्ष राजीव दहिया पर महत्वहीन जनहित याचिकाएं दायर करने पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। सुराज इंडिया ट्रस्ट ने पिछले दस सालों में 64 जनहित याचिकाएं दाखिल की थीं, जिसमें से ज्यादातर मामले खारिज हो गए।

इससे पहले भी तत्कालीन चीफ जस्टिस जेएस खेहर ने 21 अगस्त को राजीव को कड़ी फटकार लगाते हुए मार्शल बुलाकर हिरासत में लेने को कहा था, लेकिन शुक्र था कि उन्होंने तुरंत अपना फैसला बदल लिया। साथ ही चीफ जस्टिस जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली बेंच ने एनजीओ और उसके अध्यक्ष राजीव दहिया पर याचिका दाखिल करने पर हमेशा के लिए रोक लगा दी थी।

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